सैय्यदा ज़ैनब (स०अ०)
(उन पर सलाम हो)

हुज़ूर-ए-अक़दस नबी-ए-करीम (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही वसल्लम) की नवासी। इमाम अली इब्न अबी तालिब (अ) और बीबी फ़ातिमा ज़हरा (सा) की साहिबज़ादी।
मुख़्तसर मालूमात

ज़्यारत (तवील)
السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ سَيِّدِ الأَنْبِياءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त सैय्यिदिल अंबिया
तुझ पर सलाम हो, ऐ नबियों के सरदार की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ صَاحِبِ الحَوْضِ وَاللِّوَاءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त साहिबिल हौज़ि वल लिवा
तुझ पर सलाम हो, ऐ हौज़ और झंडे के मालिक की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَنْ عُرِجَ بِهِ إلى السَّمَاءِ وَوَصَلَ إلى مَقَامِ قَابِ قَوْسَينِ أوْ أدْنى
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन उरिजा बिही इलस्समाइ व वसला इला मक़ामि क़ाबे क़ौसैन अव अदना
तुझ पर सलाम हो, ऐ उस हस्ती की बेटी जिन्हें मेराज कराई गई और जो क़ाबे क़ौसैन या उससे भी क़रीब के मक़ाम तक पहुँचे।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ نَبِيِّ الهُدَى وَسَيِّدِ الوَرَى وَمُنْقِذِ العِبَادِ مِنَ الرَّدَى
अस्सलामु अलैकि या बिन्त नबिय्यिल हुदा व सैय्यिदिल वरा व मुनक़िज़िल इबाद मिनर रदा
तुझ पर सलाम हो, ऐ हिदायत के नबी, तमाम इंसानों के सरदार और बंदों को हलाकत से बचाने वाले की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ صَاحِبِ الخُلُقِ العَظِيمِ وَالشَّرَفِ العَمِيمِ وَالآيَاتِ وَالذِّكْرِ الحَكِيمِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त साहिबिल खुलुक़िल अज़ीम वश्शरफिल अमीम वल आयाति वज़्ज़िक्रिल हकीम
तुझ पर सलाम हो, ऐ अज़ीम अख़लाक़, बुलंद शरफ़, आयात और ज़िक्र-ए-हकीम के मालिक की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ صَاحِبِ المَقَامِ المحْمُودِ وَالحَوضِ المَورُودِ وَاللِّوَاءِ المَشْهودِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त साहिबिल मक़ामिल महमूद वल हौज़िल मौरूद वल लिवाइल मशहूद
तुझ पर सलाम हो, ऐ मक़ामे महमूद, हौज़े कौसर और मशहूर झंडे के मालिक की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَنْهَجِ دِينِ الإسْلامِ وَصَاحِبِ القِبْلَةِ وَالقُرْآنِ وَعَلَمِ الصِّدْقِ وَالحَقِّ وَالإحْسَانِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन्हजि दीनिल इस्लाम व साहिबिल क़िब्लति वल क़ुरआन व अलमिस्सिद्क़ि वल हक़्क़ि वल एहसान
तुझ पर सलाम हो, ऐ दीन-ए-इस्लाम के रास्ते, क़िबला और क़ुरआन के मालिक, और सच्चाई, हक़ व एहसान के परचम की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ صَفْوَةِ الأَنْبِياءِ وَعَلَمِ الأتْقِياءِ وَمَشْهورِ الذِّكْرِ في الأرْضِ وَالسَّماءِ، وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त सफ़वतिल अंबिया व अलमिल अतक़िया व मशहूरिज़ ज़िक्रि फिल अरज़ि वस्समा, व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
तुझ पर सलाम और अल्लाह की रहमत व बरकत हो, ऐ नबियों के चुने हुए, मुत्तक़ियों के अलम और ज़मीन व आसमान में मशहूर हस्ती की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ المُظَلَّلِ بِالغَمَامِ سَيِّدِ الكَوْنَيْنِ وَمَوْلى الثَّقَلَينِ وَشَفِيعِ الأُمَّةِ يَومَ المحْشَرِ وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ
अस्सलामु अलैकि या बिन्तिल मुज़ल्ललि बिल ग़माम सैय्यिदिल कौनेन व मौलस्सक़लैन व शफ़ीइल उम्मति यौमल महशर व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
तुझ पर सलाम और अल्लाह की रहमत व बरकत हो, ऐ बादलों से साए किए गए, दो जहानों के सरदार, इंस व जिन के मौला और रोज़े हश्र उम्मत के शफ़ीअ की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ سَيِّدِ الأَوْصِياءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त सैय्यिदिल औसिया
तुझ पर सलाम हो, ऐ औसिया के सरदार की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ إمَامِ الأتْقِياءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त इमामिल अतक़िया
तुझ पर सलाम हो, ऐ मुत्तक़ियों के इमाम की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ رُكْنِ الأوْلِيَاءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त रुक्निल औलिया
तुझ पर सलाम हो, ऐ औलिया के सहारे की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ عِمَادِ الأصْفِيَاءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त इमादिल अस्फ़िया
तुझ पर सलाम हो, ऐ चुने हुए बंदों के स्तंभ की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ يَعْسوبِ الدِّينِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त यअसूबिद्दीन
तुझ पर सलाम हो, ऐ दीन के सरदार की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ أَمِيرِ المُؤمِنِينَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त अमीरिल मोमिनीन
तुझ पर सलाम हो, ऐ अमीरुल मोमिनीन की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ سَيِّدِ الوَصِيِّينَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त सैय्यिदिल वसिय्यीन
तुझ पर सलाम हो, ऐ वसीयों के सरदार की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ قَائِدِ البرَرَةِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त क़ाइदिल बररा
तुझ पर सलाम हो, ऐ नेक लोगों के क़ायिद की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ قَامِعِ الكَفَرَةِ وَالفجَرَةِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त क़ामिइल कफ़रति वल फ़जरह
तुझ पर सलाम हो, ऐ काफ़िरों और फ़ाजिरों को कुचलने वाले की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ وَارِثِ النَّبِيِّينَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त वारिसिन नबिय्यीन
तुझ पर सलाम हो, ऐ नबियों के वारिस की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بنتَ خَلِيفَةِ سَيِّدِ المُرسَلِينَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त ख़लीफ़ति सैय्यिदिल मुरसलिन
तुझ पर सलाम हो, ऐ रसूलों के सरदार के ख़लीफ़ा की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ ضِياءِ الدِّينِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त ज़ियाइद्दीन
तुझ पर सलाम हो, ऐ दीन की रौशनी की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ النَّبَأِ العَظِيمِ عَلى اليَقِينِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्ते नबीय्यिल अज़ीम अलल यक़ीन
तुझ पर सलाम हो, ऐ यक़ीनी तौर पर “नबए अज़ीम” की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَنْ حِسابُ النَّاسِ عَلَيهِ وَالكَوْثَرُ بَينَ يَدَيْهِ وَالنَّصُّ يَومَ الغَدِيرِ عَلَيهِ، وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन हिसाबुन्नासि अलैहि वल कौसरु बैना यदैहि वन्नस्सु यौमल ग़दीरि अलैहि, व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
तुझ पर सलाम और अल्लाह की रहमत व बरकत हो, ऐ उस हस्ती की बेटी जिनके ज़िम्मे लोगों का हिसाब है, जिनके सामने कौसर है, और जिन पर यौमे ग़दीर की नुस्स (घोषणा) हुई।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَنْ قَادَ زِمَامَ نَاقَتِهَا جِبرَائِيلُ وَشَارَكَها في مُصَابهَا إسْرافِيلُ، وَغَضِبَ بِسَبَبِها الرَّبُّ الجَلِيلُ، وَبَكى لمُصَابهَا إبْراهِيمُ الخَلِيلُ وَنُوحٌ وَمُوسَى الكَلِيمُ فِي كَرْبَلاءَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन क़ादा ज़िमामा नाक़तिहा जिब्राईलु व शारकहा फी मुसाबिहा इस्राफीलु व ग़ज़िबा बिसबबिहा रब्बुल जलीलु व बका लि-मुसाबिहा इब्राहीमुल ख़लीलु व नूहुन व मूसा अलकलीमु फी कर्बला
तुझ पर सलाम हो, ऐ उस बीबी की बेटी जिनकी ऊँटनी की लगाम जिब्रईल ने थामी, जिनके मसाइब में इस्राफील शरीक हुआ, जिनके सबब रब्बे जलील ग़ज़बनाक हुआ, और कर्बला के मसाइब पर इब्राहीम ख़लीलुल्लाह, नूह और मूसा कलीमुल्लाह रोए।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ البُدُورِ السَّواطِعِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्तिल बुदूरिस्सवातिअ
तुझ पर सलाम हो, ऐ चमकते हुए चाँदों की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ الشُّمُوسِ الطَّوَالِعِ، وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ
अस्सलामु अलैकि या बिन्तश्शुमूसित् तवालेअ, व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
तुझ पर सलाम और अल्लाह की रहमत व बरकत हो, ऐ चमकते सूरजों की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ زَمْزَمَ وَالصَّفَا
अस्सलामु अलैकि या बिन्त ज़मज़म वस्सफा
तुझ पर सलाम हो, ऐ ज़मज़म और सफ़ा की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَكَّةَ وَمِنىَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मक्का व मिना
तुझ पर सलाम हो, ऐ मक्का और मिना की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَنْ حُمِلَ عَلى البُرَاقِ في الهَوَاء
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन हुमिला अलल बुराक़ि फिल हवाअ
तुझ पर सलाम हो, ऐ उस हस्ती की बेटी जिन्हें बुराक़ पर हवा में उठाया गया।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَنْ حمَلَ الزَّكَاةَ بِأطْرافِ الرِّدَاءِ وَبَذَلَهُ عَلى الفُقَراءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन हमलज़्ज़काता बि-अत्राफिर्रिदा’ व बज़लहु अलल फुक़रा
तुझ पर सलाम हो, ऐ उस हस्ती की बेटी जिन्होंने ज़कात को चादर के किनारों में उठाकर फुक़रा को अता किया।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَنْ أُسْرِيَ بهِ مِن المَسْجِدِ الحَرامِ إلى المسجِدِ الأقْصَى
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन उस्रिय बिही मिनल मस्जिदिल हरामि इलल मस्जिदिल अक़्सा
तुझ पर सलाम हो, ऐ उस हस्ती की बेटी जिन्हें मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक़्सा तक रातों-रात ले जाया गया।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَن ضَرَبَ بِالسَّيْفَين
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन ज़रबा बिस्सैफैन
तुझ पर सलाम हो, ऐ उस हस्ती की बेटी जिन्होंने दो तलवारों से जिहाद किया।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مَن صَلَّى القِبْلَتَينِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मन सल्लल क़िब्लतैन
तुझ पर सलाम हो, ऐ उस हस्ती की बेटी जिन्होंने दो क़िब्लों की तरफ़ नमाज़ अदा की।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ مُحَمَّدٍ المُصطَفَى
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मुहम्मदिल मुस्तफ़ा
तुझ पर सलाम हो, ऐ मुहम्मद मुस्तफ़ा की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ عَلِيٍّ المُرْتَضى
अस्सलामु अलैकि या बिन्त अलीय्यिल मुर्तज़ा
तुझ पर सलाम हो, ऐ अली मुर्तज़ा की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ فَاطِمَةَ الزَّهْراءِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त फातिमतज़्ज़हरा
तुझ पर सलाम हो, ऐ फ़ातिमा ज़हरा की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ خَديجَةَ الكُبرَى
अस्सलामु अलैकि या बिन्त ख़दीजतल कुबरा
तुझ पर सलाम हो, ऐ ख़दीजा कुबरा की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ وَعَلى جَدِّكِ مُحَمَّدٍ المُخْتَارِ
अस्सलामु अलैकि व अला जद्दिकि मुहम्मदिल मुख्तार
तुझ पर सलाम हो और तेरे नाना मुहम्मद मुख्तार पर भी सलाम हो।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ وعَلى أَبِيكِ حَيْدَر الكَرّار
अस्सलामु अलैकि व अला अबीकि हैदरिल कर्रार
तुझ पर सलाम हो और तेरे वालिद हैदरे कर्रार पर भी सलाम हो।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ وَعَلى السَّادَاتِ الأطْهارِ الأخْيَارِ، وَهُمْ حُجَجُ اللهِ عَلى الأقْطارِ وَسَاداتُ الأرضِ والسَّمَاءِ الَّذِينَ حُبُّهُم فَرضٌ عَلى أَعْنَاقِ كُلِّ الخَلائِقِ
अस्सलामु अलैकि व अला स्सादातिल अतहारिल अख्यार, व हुम हुज्जतुल्लाहि अलल अक़्तार व सादातुल अरज़ि वस्समा इललज़ीना हुब्बुहुम फ़र्ज़ुन अला अअनाक़ि कुल्लिल ख़लाइक़
तुझ पर सलाम हो और पाक व नेकी वाले सादात पर भी सलाम हो—वो अल्लाह की हुज्जतें हैं तमाम सरज़मीनों पर, ज़मीन व आसमान के सरदार हैं, जिनकी मुहब्बत तमाम मख़लूक़ की गर्दनों पर फ़र्ज़ है।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ وَليِّ اللهِ المُعَظَّمِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त वलिय्यिल्लाहिल मुअज़्ज़म
तुझ पर सलाम हो, ऐ वलिय्युल्लाह-ए-मुअज़्ज़म की बेटी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يا عَمَّةَ وَليِّ اللهِ المُكَرَّمِ
अस्सलामु अलैकि या अम्मत वलिय्यिल्लाहिल मुकर्रम
तुझ पर सलाम हो, ऐ वलिय्युल्लाह-ए-मुकर्रम की फूफी।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا أُمَّ المَصائبِ يَا زَيْنَبُ وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ
अस्सलामु अलैकि या उम्मल मसाइब या ज़ैनबु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
तुझ पर सलाम और अल्लाह की रहमत व बरकत हो, ऐ उम्मुल मसाइब, ऐ ज़ैनब।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الفَاضِلَةُ الرَّشِيدَةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतुहल फ़ाज़िलतुर्रशीदा
तुझ पर सलाम हो—ऐ फ़ाज़िला, ऐ रशीदा।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الكَامِلَةُ العَالمَةُ العَامِلةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतुहल कामिलतुल आलिमतुल आमिला
तुझ पर सलाम हो—ऐ कामिला, ऐ आलिमा, ऐ आमिला।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الكَريمَةُ النَّبيلَةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतुहल करीमतुन नबीला
तुझ पर सलाम हो—ऐ करीमा, ऐ नबीला।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا التَّقِيَّةُ النَّقِيَّةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतुहत् तक़ीय्यतुन नक़ीय्या
तुझ पर सलाम हो—ऐ तक़ीय्या, ऐ नक़ीय्या।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا مَن ظَهَرَتْ محَبَّتُها لِلحُسَينِ المَظْلومِ في مَوارِدَ عَديدَةٍ وَتحَمِلُ المَصَائبَ المحُرِقَةَ لِلقُلوبِ مَعَ تحَمُّلاتٍ شَديدَةٍ
अस्सलामु अलैकि या मन ज़हरत महब्बतुहा लिलहुसैनिल मज़लूमि फी मवारिद अदीदा व तह्मिलुल मसाइबल मुहरिक़ता लिलक़ुलूबि मअ तहम्मुलात शदीदा
तुझ पर सलाम हो—जिसकी मुहब्बत हुसैन मज़लूम के लिए कई मौक़ों पर ज़ाहिर हुई, और जिसने दिलों को जला देने वाली मुसीबतों को सख़्त सब्र के साथ उठाया।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا مَن حَفِظَتِ الإمَامَ في يَومِ عَاشُوراءَ في القَتْلى وَبَذلَتْ نَفسَها في نجَاةِ زَينِ العَابِدينَ في مجَلِسِ أشْقَى الأشْقِياءِ وَنَطَقَتْ كَنُطْقِ عَليٍّ عَليهِ السَّلاَمُ في سِكَكِ الكُوفَةِ وَحَولهَا كَثيرٌ مِن الأعْدَاءِ
अस्सलामु अलैकि या मन हफ़िज़तिल इमामा फी यौमि आशूरा फिल क़त्ला व बज़लत नफ़्सहा फी नजाते ज़ैनिल आबिदीन फी मजलिसि अश्क़ल अश्क़िया व नत़क़त कनुत़्क़ि अलीय्यिन अलैहिस्सलामु फी सिककिल कूफ़ा व हौलहा कसीरुम मिनल अअदा
तुझ पर सलाम हो—जिसने यौमे आशूरा में क़त्ला के बीच इमाम की हिफ़ाज़त की, और अश्क़ल अश्क़िया की महफ़िल में ज़ैनुल आबिदीन की निजात के लिए अपनी जान तक क़ुर्बान करने को तैयार हुई, और कूफ़ा की गलियों में—जहाँ बहुत से दुश्मन थे—अली (अ.) की तरह ख़िताब किया।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يا مَنْ نَطَحَتْ جَبينَها بِمُقَدَّمِ المحْمَلِ إذْ رَأتْ رَأسَ سَيّدِ الشُّهدَاءِ وَيخْرُجُ الدَّمُ مِن تحْتِ قِناعِها وَمِن محْمَلِها بحَيثُ يرى مَن حَولهَا مِن الأعْداءُ
अस्सलामु अलैकि या मन नतहत जबीन्हा बि-मुक़द्दमिल महमलि इज़ रअत रअस सैय्यिदिश्शुहदा’ व यखरुजुद्दमु मिन तहत क़िनाअिहा व मिन महमलिहा बहैसु यरा मन हौलहा मिनल अअदा
तुझ पर सलाम हो—जिसने महमल के आगे वाले हिस्से से अपनी पेशानी मारी जब उसने सैय्यिदुश्शुहदा का सर देखा, और उसके नक़ाब के नीचे से और महमल से ख़ून इस तरह जारी हुआ कि आसपास के दुश्मनों ने भी देख लिया।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يا تالِيَةَ المَعْصومِ
अस्सलामु अलैकि या तालियतल मासूम
तुझ पर सलाम हो, ऐ मासूम इमाम की नायब/नुमाइंदा।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يا ممُْتَحَنَةُ في تحَمُّلِ المَصائبِ كالحُسَينِ المَظلُومِ، وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ
अस्सलामु अलैकि या मुम्तहना फी तहम्मुलिल मसाइबि कलहुसैनिल मज़लूम, व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
तुझ पर सलाम और अल्लाह की रहमत व बरकत हो—ऐ वो जो मुसीबतों के सब्र में हुसैन मज़लूम की तरह आज़माई गई।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا البَعيدَةُ عَن الأوْطانِ
अस्सलामु अलैकि अय्यतुहल बईदतु अनिल अवतान
तुझ पर सलाम हो—ऐ वतन से दूर रहने वाली।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الأَسِيرَةُ في البُلدانِ
अस्सलामु अलैकि अय्यतुहल असीरतु फिल बुलदान
तुझ पर सलाम हो—ऐ शहरों में क़ैद-ओ-असीरी की हालत में घुमाई गई।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا المُتَحَيّرَةُ في خَرابَةِ الشَّامِ
अस्सलामu अलैकि अय्यतुहल मुता'हैय्येरतो फी ख़राबतिश्शाम
तुझ पर सलाम हो—ऐ ख़राबा-ए-शाम में हैरान रहने वाली।

السَّلاَمُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا المُتَحَيّرَةُ في وُقُوفِكِ عَلى جَسَدِ سَيِّد الشُّهَداءِ وخَاطَبْتِ جَدَّكِ رَسولَ اللهِ صَلّى اللهُ عَلَيه وَآله بهَذا النِّدَاءِ: "صَلَّىٰ عَلَيْكَ مَلائِكَةُ السَّمَاءِ! هٰذَا حُسَيْنٌ بِالعَراءِ مَسْلُوبُ العِمَامَةِ وَالرِّدَاءِ، مُقَطَّعُ الأَعْضَاءِ، وَبَنَاتُكَ سَبَايَا! وَإلىٰ اللهِِ المُشْتَكَىٰ."
अस्सलामु अलैकि अय्यतुहल मुता'हैय्येरतो फी वुकूफ़िकी अला जसदि सैय्यिदिश्शुहदा’ व ख़ातब्ति जद्दकि रसूलल्लाहि सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि बिहाज़न्निदा’: "सल्ला अलैका मलाइकतुस्समा’! हाज़ा हुसैनुन बिलअरा’ मस्लूबुल इमामति व र्रिदा’, मुक़त्तउल अअदा’, व बनातुकी सबाया! वालियल्लाहे मुश्तका"
तुझ पर सलाम हो—जब तू सैय्यिदुश्शुहदा के जिस्म के पास खड़ी होकर हैरान थी और अपने नाना रसूलुल्लाह (स.) को इस पुकार के साथ मुख़ातिब हुई: “आसमान के फ़रिश्ते आप पर दुरूद भेजें! ये हुसैन खुले मैदान में है—अमामा और चादर से महरूम, आज़ा कटे हुए, और आपकी बेटियाँ क़ैद में! और शिकायत सिर्फ़ अल्लाह से है।”

وقَالَت: "يَا مُحَمَّدُ! هٰذَا حُسَيْنٌ تَسْفِي عَلَيْهِ رِيحُ الصَّبَا، مجْذُوذَ الرَّأسِ مِن القَفا، قَتِيلَ أَوْلادِ البِغا. وَاحُزْنَاهُ عَليْكَ يا أبَا عَبْدِ الله."
व क़ालत: "या मुहम्मदु! हाज़ा हुसैनुन तस्फी अलैहि रीहुस्सबा, मज़ज़ूधुर्रअसि मिनल क़फ़ा, क़तील औलादिल बिघा. वा हुज़्नाहु अलैका या अबा अब्दिल्लाह."
और तूने कहा: “ऐ मुहम्मद! ये हुसैन है—जिस पर सबा की हवा धूल उड़ाती है, जिसका सर पीछे से कटा हुआ है, बदकारों की औलाद के हाथों क़त्ल हुआ। हाय मेरा ग़म आप पर, ऐ अबा अब्दिल्लाह!”

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يَا مَن تهَيَّجَ قَلبُها لِلحُسَينِ المَظلومِ العُريَانِ المَطْروحِ عَلى الثَّرَى وقَالَت بِصَوتٍ حَزينٍ: "بِأبي مَن نَفْسي لَهُ الفِداءُ، بِأبي المَهمُومُ حتَّى قَضى، بِأبي مَن شَيبَتُه تَقطِرُ بِالدِّمَاء."
अस्सलामु अलैकि या मन तहय्यज क़ल्बुहा लिलहुसैनिल मज़लूमिल उरयानिल मतरूहि अलस्सरा व क़ालत बि-सौतिन हज़ीन: "बि-अबी मन नफ़्सी लहुल फ़िदा’, बि-अबी अलमह्मूमु हत्ता क़ज़ा, बि-अबी मन शैबतहु तक़तिरु बिद्दिमा’."
तुझ पर सलाम हो—जिसका दिल हुसैन मज़लूम, बे-लिबास, ख़ाक पर पड़े हुए के लिए तड़प उठा, और तूने ग़मगीन आवाज़ में कहा: “मेरे बाप क़ुर्बान उस पर जिसकी फ़िदा मेरी जान हो! मेरे बाप क़ुर्बान उस ग़मज़दा पर जो आख़िरकार शहीद हुआ! मेरे बाप क़ुर्बान उस पर जिसकी सफ़ेदी-ए-दाढ़ी से ख़ून टपक रहा था!”

السَّلاَمُ عَلى مَن بَكَتْ عَلى جَسَدِ أخِيها بَينَ القَتلَى حَتّى بَكى لبُكائِها كُلُّ صَدِيقٍ وَعَدُوٍّ، وَرَأى النَّاسُ دُموعَ الخَيلِ تَنحَدِرُ عَلى حَوافِرِهَا عَلى التَّحْقِيقِ
अस्सलामु अला मन बक़त अला जसदि अखीहा बैनल क़त्ला हत्ता बका लि-बुकाइहा कुल्लु सदीक़िन व अदूव्व, व रआन्नासु दुमूअल ख़ैलि तनहदिरु अला हवारीरिहा अलत्तह्क़ीक़
सलाम हो उस पर जिसने अपने भाई के जिस्म पर क़त्ला के बीच ऐसा रोया कि उसके रोने पर हर दोस्त और दुश्मन भी रो पड़ा, और लोगों ने यक़ीनन घोड़ों के आँसू भी देखे जो उनके खुरों पर बह रहे थे।

السَّلاَمُ عَلى مَن تَكَفَّلَتْ وَجمَعَتْ في عَصْرِ عَاشُوراءَ بَناتِ رَسولِ اللهِ وَأطفَالِ الحُسينِ وَقامَت لهَا القِيامَةُ في شَهادَةِ الطِّفلَينِ الغَريبَين المَظلومَينِ
अस्सलामु अला मन तकफ़्फ़लत व जमा‘त फी अस्रि आशूरा बनाति रसूलिल्लाहि व अत्फ़ालिल हुसैन व क़ामत लहा अलक़ियामा फी शहादतित् तिफ़्लैनिल ग़रीबैनिल मज़लूमैन
सलाम हो उस पर जिसने यौमे आशूरा की शाम को रसूलुल्लाह की बेटियों और हुसैन के बच्चों को समेटा/हिफ़ाज़त की, और दो ग़रीब मज़लूम बच्चों की शहादत पर उसके लिए क़यामत-सी बरपा हो गई।

السَّلاَمُ عَلى مَن لم تَنَمْ عَينُها لأجْلِ حِراسَةِ آل رَسولِ اللهِ في طَف نِينَوَى وَصَارَت أَسيرَةً ذَليلَةً بِيَدِ الأعْداءِ
अस्सलामु अला मन लम तनम ऐनुहा लि-अज्लि हिरासतِ आलि रसूलिल्लाहि फी तफ़्फ़ नीनवा व सारत असीरतन ज़लीलतन बि-यदिल अअदा
सलाम हो उस पर जिसकी आँखें आल-ए-रसूल की निगहबानी के लिए तफ़्फ़-ए-नीनवा में नहीं सोईं, और जो दुश्मनों के हाथों ज़लील क़ैदी बना दी गई।

السَّلاَمُ عَلى مَن رَكِبَتْ بَعيراً بِغَيرِ وِطاءٍ وَنَادَت أخَاها أبَا الفَضْلِ بهَذا النِّدَاء: "أخِي أبَا الفَضْلِ، أنْتَ الَّذي أرْكَبْتَني إذْ أرَدتُ الخُروجَ مِن المَدينَةِ"
अस्सलामु अला मन रकिबत बईरन् बि-ग़ैरि विता’ व नादत अखाहा अबल फ़ज़्लि बिहाज़न्निदा’: "अखी अबल फ़ज़्लि, अन्तल लज़ी अर्कबतनी इज़ अरद्तुल ख़ुरूज मिनल मदीना"
सलाम हो उस पर जिसे बिना बिछावन के ऊँट पर बिठाया गया, और उसने अपने भाई अबुल फ़ज़्ल को यूँ पुकारा: “ऐ मेरे भाई अबुल फ़ज़्ल! तू ही था जिसने मुझे ऊँट पर सवार कराया जब मैं मदीना से निकलना चाहती थी।”

السَّلاَمُ عَلى مَن خَطَبَتْ في مَيدانِ الكُوفَةِ بخِطْبَةٍ نافِعَةٍ حَتّى سَكَنَتِ الأصْواتُ مِن كُلِّ ناحِيةٍ
अस्सलामु अला मन ख़तबत फी मैदानिल कूफ़ा बि-ख़ुतबतिन नाफ़िअa हत्ता सकनतिल अस्वातु मिन कुल्लि नाहिया
सलाम हो उस पर जिसने मैदान-ए-कूफ़ा में ऐसी नाफ़े’ ख़ुत्बा दिया कि हर तरफ़ से आवाज़ें थम गईं।

السَّلاَمُ عَلى مَن احْتَجَّتْ في مَجلِسِ ابْنِ زِيادٍ بِاحتْجَاجَاتٍ وَاضِحَةٍ وَقالَت في جَوابِه بِبَيِّناتٍ صَادِقةٍ، إذْ قَالَ ابنُ زِيادٍ لِزَينَبَ سَلامُ اللهِ عَلَيهَا: "كَيفَ رَأَيْتِ صُنْعَ اللهِ بأخيكِ الحُسَينِ؟" قَالَت: "مَا رَأَيْتُ إِلاّ جَمِيلاً."
अस्सलामु अला मन एह्तज्जत फी मजलिसि इब्नि ज़ियाद बि-एहतिजाजातिन वाज़िहा व क़ालत फी जवाबिहि बि-बय्यिनातिन सादिक़ा, इज़ क़ाला इब्नु ज़ियाद लि-ज़ैनब सलामुल्लाहि अलैहा: "कैफ़ रअैत सُنअल्लाहि बि-अखीкил हुसैन?" क़ालत: "मा रअैतु इल्ला जमीला."
सलाम हो उस पर जिसने इब्ने ज़ियाद की महफ़िल में वाज़ेह दलीलों से एह्तिजाज किया, और सच्ची बय्यिनात के साथ जवाब दिया; जब इब्ने ज़ियाद ने ज़ैनब (स.) से कहा: “तूने अपने भाई हुसैन के बारे में अल्लाह की सज़ा/सुनअ को कैसा देखा?” तो उसने कहा: “मैंने जमीला के सिवा कुछ नहीं देखा।”

السَّلاَمُ عَلَيْكِ يا أَسيرَةً بِأيْدي الأعْداءِ في الفَلواتِ وَرَأيْتِ أهْلِ الشّامِ في حَالَةِ العَيشِ والسُّرورِ وَنشْرِ الرّاياتِ
अस्सलामु अलैकि या असीरतन बि-ऐदिल अअदा’ फिल फलवात व रअैत अह्लश्शामि फी हालतिल ऐशि वस्सुरूर व नश्रिर्रायात
तुझ पर सलाम हो—ऐ वो जो खुले मैदानों में दुश्मनों के हाथों क़ैद रही, और तूने अहले शाम को ऐश-ओ-सुरूर और झंडे फैलाने की हालत में देखा।

السَّلاَمُ على مَن شُدَّ الحَبلُ عَلى عَضُدِها وَعُنُقِ الإمامِ زَينِ العَابِدينَ وَأَدخَلُوها مَعَ سِتَّةَ عَشرَ نَفَراً مِن آلِ رَسولِ اللهِ وَهُم كَالأُسَرَاءِ مُقَرَّنينَ بِالحَديدِ مَظلومِينَ،
अस्सलामु अला मन शुद्दल हबलु अला अ़ुदुदिहा व उनुक़िल इमामि ज़ैनिल आबिदीन व अद्खलूहा मअ सित्तत अशर नफ़रन् मिन आलि रसूलिल्लाहि व हुम कल-उसरा’ मुक़र्रनीन बिलहदीद मज़लूमीन
सलाम हो उस पर जिसके बाज़ू पर रस्सी कसी गई और इमाम ज़ैनुल आबिदीन की गर्दन पर भी, और उसे रसूलुल्लाह के आल से सोलह अफ़राद के साथ दाख़िल किया गया—जबकि वो लोहे की ज़ंजीरों में क़ैद मज़लूम क़ैदियों की तरह थे।

وَقَالَ عَلِيُّ بنُ الحُسَينِ عَلَيهِ السَّلاَمُ لِيَزيدَ: "يَا يَزيدُ ما ظَنُّكَ بِرَسُولِ اللهِ صَلّى اللهُ عَلَيهِ وَآلِهِ لَو رَآنا عَلى هَذِه الحَالَةِ؟"
व क़ाला अलीय्यु ब्नुल हुसैन अलैहिस्सलामु लि-यज़ीद: "या यज़ीदु मा ज़न्नुका बि-रसूलिल्लाहि सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि लौ रआना अला हाज़िहिल हालह?"
और अली बिनुल हुसैन (अ.) ने यज़ीद से कहा: “ऐ यज़ीद! अगर रसूलुल्लाह (स.) हमें इस हालत में देखें तो तेरा क्या ख़्याल है?”

ثُمَّ قَالَت أُمُّ المَصائِبِ زَينَبُ لَهُ: "قَائلاً لَأَهَلُّوا وَاسْتَهَلُّوا فَرَحاً ثُمَّ قَالُوا يَا يَزِيدُ لا تُشَلْ، مُنْتَحِياً عَلَى ثَنَايَا أَبِي عَبْدِاللهِ، عَلَيْهِ السَّلاَمُ، سَيِّدِ شَبَابِ أَهْلِ الجَنَّةِ تَنْكُتُهَا بِمِخْصَرَتِكَ؟"
सुम्म क़ालत उम्मुल मसाइबि ज़ैनबु लहू: "क़ाइलन लअहल्लू व स्तहल्लू फरहान सुम्म क़ालू या यज़ीदु ला तुशल्ल, मुंतहियन् अला सनाय़ा अबी अब्दिल्लाहि अलैहिस्सलामु सैय्यिदि शबाबि अह्लिल जन्नah तन्कुतुहा बि-मिख़्सरतika?"
फिर उम्मुल मसाइब ज़ैनब ने उससे कहा—(तेरे इस क़ौल के बाद कि “वो खुश हो जाते…”): “ऐ यज़ीद! तुझे लकवा न लगे! क्या तू अबा अब्दिल्लाह (अ.)—सैय्यिदे शबाबे अहले जन्नत—के दाँतों/होठों के पास बैठकर अपनी छड़ी से उन्हें कुरेद रहा है?”

ثُمَّ قالَت: "وَلَئِنْ جَرَتْ عَلَيَّ الدَّوَاهِي مُخَاطَبَتَكَ، إنِّي لَأَسْتَصْغِرُ قَدْرَكَ وَأَسْتَعْظِمُ تَقْرِيعَكَ وَأَسْتَكْثِرُ تَوْبِيخَكَ، لَكِنِ العُيُونُ عَبْرَى وَالصُّدُورُ حَرَّى. اَلا فَالعَجَبُ كُلُّ الْعَجَبِ لِقَتْلِ حِزْبِ اللهِ النُّجَبَاءِ بِحِزْبِ الشَّيْطَانِ الطُّلَقَاءِ!
सुम्म क़ालत: "व लइन् जरत अलय्यद् दवाहि मुख़ातबतaka, इन्नी ल-अस्तस्ग़िरु क़द्रका व अस्तअज़िमु तक़रीअka व अस्तक्थिरु तौबीखaka, लकिनिल उयूनु अब्रा वस्सुदूरु हर्रा. अला फ़लअजबु कुल्लुल अजबि लि-क़त्लि हिज्बिल्लाहिन्नुजबा’ बि-हिज्बिश्शैतानित्तुलक़ा’!"
फिर तूने कहा: “अगरचे आफ़तों ने मुझे मजबूर किया कि मैं तुझसे मुख़ातिब हूँ, मैं तेरी हैसियत को अपने नज़दीक बहुत छोटा समझती हूँ, तेरी बदज़बानी को बहुत बड़ा, और तेरी मलामत को बहुत ज़्यादा; मगर आँखें आँसू से भरी हैं और सीने जल रहे हैं। सुनो! हैरत पर हैरत है कि अल्लाह की नजीब जमाअत को शैतान के ‘तुलक़ा’ गिरोह के हाथों क़त्ल किया जा रहा है!”

َلَئِنِ اتَّخَذْتَنَا مَغْنَماً لَتَجِدُنَا وَشِيكاً مُغْرَماً حِينَ لا تَجِدُ اِلاّ مَا قَدَّمَتْ يَدَاكَ، ﴿وَمَا رَبُّكَ بِظَلَّامٍ لِلْعَبِيدِ﴾ فَإلَى اللهِ المُشْتَكَى وَعَلَيْهِ المُعَوَّلُ في الشِّدَّةِ والرَّخاءِ.
लइनि ات्तख़ज़्तना मघ्नमन लतजिदुना व शिकन मुग़्रमन हिना ला तजिदु इल्ला मा क़द्दमत यदाक, "व मा रब्बुका बि-ज़ल्लामइन लिलअबीद" फ़-इलल्लाहिल्मुश्तका व अलैहिल्मुअव्वलु फ़िश्शिद्दति वर्ऱखाअ
अगर तूने हमें ग़नीमत समझ लिया है तो तू जल्द ही हमें अपने लिए बोझ/जुर्माना पाएगा—उस वक्त जब तू अपनी ही कमाई के सिवा कुछ न पाएगा। “और तेरा रब बन्दों पर ज़ुल्म करने वाला नहीं।” पस शिकायत तो अल्लाह ही से है, और सख़्ती व आसाइश में उसी पर भरोसा है।

فَكِدْ كَيْدَكَ وَاسْعَ سَعْيَكَ وَنَاصِبْ جَهْدَكَ! فَوَاللهِ لا تَمْحُوَنَّ ذِكْرَنَا وَلا تُمِيتُ وَحْيَنَا وَلا تُدْرِكُ أَمَدَنَا وَلا تَرْخَصُ عَنْكَ عَارَهَا.
फकिद् कaidaka वस्अ सायका व नासिब् जहदaka! फ़वअल्लाहि ला तम्हूना ज़िक्रना व ला तुमीतु वह्याना व ला तुद्रिकु अमदना व ला तर्ख़सु अंका ‘आरहा
तो तू अपना मक्र कर ले, अपनी कोशिश कर ले, और अपनी पूरी ताक़त लगा ले! अल्लाह की क़सम, तू न हमारा ज़िक्र मिटा सकेगा, न हमारे वाही को मौत दे सकेगा, न हमारे मक़सद/हद तक पहुँच सकेगा, और न तुझसे ये रुसवाई दूर होगी।

وَهَلْ رَأْيُكَ إلاّ فَنَدٌ وَأيَّامُكَ إلاّ عَدَدٌ وَجَمْعُكَ إلاّ بَدَدٌ. يا يزيد أما سمعت قول الله تعالى: ﴿وَلَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ قُتِلُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ أَمْوَاتًا بَلْ أَحْيَاءٌ عِنْدَ رَبِّهِمْ يُرْزَقُونَ.﴾
व हल रअयुका इल्ला फ़ना-दुन व अय्यामुका इल्ला ‘अदादुन व जमउका इल्ला बद दुन. या यज़ीदु अमा समिअत क़ौलल्लाहि तआला: "व ला तह्सबन्नल लज़ीना क़ुतिलू फी सबीलिल्लाहि अम्वातन बल अह्या’उन् इन्दा रब्बिहिम युर्ज़क़ून"
और क्या तेरी राय/तदबीर बे-बुनियाद नहीं, तेरे दिन गिने-चुने नहीं, और तेरा जमाव बिखरने वाला नहीं? ऐ यज़ीद! क्या तूने अल्लाह का ये क़ौल नहीं सुना: “जो अल्लाह की राह में क़त्ल किए गए उन्हें मुर्दा न समझो, बल्कि वो ज़िन्दा हैं—अपने रब के पास—और उन्हें रिज़्क़ दिया जाता है।”

فَالحَمْدُ للهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ الَّذِي خَتَمَ لِأَوَّلِنَا بِالسَّعَادَةِ وَالمَغْفِرَةِ وَلِآخِرِنَا بِالشَّهَادَةِ وَالرَّحْمَةِ، وَنَسْأَلُ اللهَ أَنْ يُكْمِلَ لَهُمُ الثَّوَابَ وَيُوجِبَ لَهُمُ المَزِيدَ وَيُحْسِنُ عَلَيْنَا الخِلافَةَ؛ إنَّهُ رَحِيمٌ وَدُودٌ، وَحَسْبُنَا اللهُ وَنِعْمُ الوَكِيلُ .
फ़लहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन अल्लज़ी ख़तमा लि-अव्वलिना बिस्सआदति वलमग़फिरah वलि-आख़िरिना बिश्शहादति वर्ऱह्मअह, व नसअलुल्लाह अं युक्मिला लहुमुस्सवाब व यूजिबा लहुमुल मज़ीद व युह्सिना अलैना अलख़िलाफah; इन्नहू रहीमुन वदूद, व हस्बुनल्लाहु व निअमल वकील
पस तमाम हम्द अल्लाह रब्बुल आलमीन के लिए है जिसने हमारे अव्वलीन को सआदत और मग़फ़िरत पर ख़त्म किया, और हमारे आख़िरीन को शहादत और रहमत पर; और हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि वह उनके लिए सवाब मुकम्मल करे, उन्हें और ज़्यादा अता करे, और हमें अच्छे तरीके से निज़ाम/जाँ-नशीनी दे। बेशक वह रहीम और वदूद है। अल्लाह हमारे लिए काफ़ी है और वही बेहतरीन कारसाज़ है।

وَصَلَّى اللهُ عَلى مُحَمَّدٍ وَآلِهِ الطَّيِّبِينَ الطَّاهِرِين
व सल्लल्लाहु अला मुहम्मदिन व आलिहित्तय्यिबीनत्ताहिरीन
और अल्लाह रहमत नाज़िल करे मुहम्मद और उनकी पाक, ताहिर आल पर।

उर्दू लिपि में: बीबी ज़ैनब(सा) की कई छोटी ज़ियारतें हैं



السَّلَامُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ رَسُولِ اللَّهِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त रसूलिल्लाह
सलाम हो तुम पर, ऐ अल्लाह के रसूल की बेटी!

السَّلَامُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ نَبِيِّ اللَّهِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त नबीयिल्लाह
सलाम हो तुम पर, ऐ अल्लाह के नबी की बेटी!

السَّلَامُ عَلَيْكِ يَا بِئْتَ مُحَمَّدٍ الْمُصْطَفَى
अस्सलामु अलैकि या बिन्त मुहम्मदिनिल मुस्तफ़ा
सलाम हो तुम पर, ऐ मुहम्मद अल-मुस्तफ़ा की बेटी!

السَّلَامُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ وَلِيَ اللَّهِ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त वलिय्यिल्लाह
सलाम हो तुम पर, ऐ अल्लाह के वली की बेटी!

السَّلَامُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ عَلِيِّ الْمُرْتَضَى سَيِّدِ الْأَوْصِيَاءِ وَالصَّدِيقِينَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त अलीय्यिनिल मुर्तज़ा सैय्यिदिल औसिया वस्सिद्दीक़ीन
सलाम हो तुम पर, ऐ अली अल-मुर्तज़ा की बेटी—जो औसिया और सिद्दीक़ीन के सरदार हैं!

السَّلَامُ عَلَيْكِ يَا بِنْتَ فَاطِمَةَ الزَّهْرَاءِسَيِّدَةِ نِسَاءِ الْعَلَمِينَ
अस्सलामु अलैकि या बिन्त फ़ातिमतुज़-ज़हरा सैय्यिदत निसाइल आलमीन
सलाम हो तुम पर, ऐ फ़ातिमा ज़हरा की बेटी—जो तमाम आलम की औरतों की सैय्यिदा हैं!

السَّلَامُ عَلَيْكِ يَا أُخْتَ الْحَسَنِ وَالْحُسَيْنِ سَيِّدَى شَبَابِ أَهْلِ الْجَنَّةِأَجْمَعِينَ
अस्सलामु अलैकि या उख्तल हसन वलहुसैन सैय्यिदै शबाबि अहलिल जन्नति अज्मईन
सलाम हो तुम पर, ऐ इमाम हसन और इमाम हुसैन की बहन—जो जन्नत के तमाम जवानों के सरदार हैं!

السَّلامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا السَّيِّدَةُ الزَّكِيَّةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहस्सैय्यिदतुझ् ज़किय्यह
सलाम हो तुम पर, ऐ पाकीज़ा सैय्यिदा!

السَّلامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الدَّاعِيَةُ الْخَفِيَّةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहद्दाइयतुल ख़फ़िय्यह
सलाम हो तुम पर, ऐ हर हाल में हक़ की दावत देने वाली!

السَّلامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا التَّقِيَّةُ النَّقِيَّةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहत्तकिय्यतुन नकिय्यह
सलाम हो तुम पर, ऐ तक़वा वाली, ऐ पाक!

السَّلامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الرَّاضِيَةُ الْمَرْضِيَّةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहर्राज़िय्यतुल मर्ज़िय्यह
सलाम हो तुम पर, ऐ अल्लाह से राज़ी और अल्लाह को राज़ी करने वाली!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الْعَالِمَةُ الْغَيْرُ الْمُعَلَّمَةِ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहल आलिमतुल ग़ैरुल मुअल्लमह
सलाम हो तुम पर, ऐ वो आलिमा जिन्हें किसी ने तालीम न दी!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الْفَهِيْمَةُ الْغَيْرُ الْمُفَهَّمَةِ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहल फ़हीमतुल ग़ैरुल मुफ़ह्हमह
सलाम हो तुम पर, ऐ वो फ़हीमा जिन्हें कोई समझाए बिना ही हर बात समझ थी!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الْمَظْلُومَةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहल मज़लूमह
सलाम हो तुम पर, ऐ मज़लूम!

السَّلَامُ عَلَيْكَ أَيَّتُهَا مَهْمُومَةٌ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहल महमूमह
सलाम हो तुम पर, ऐ ग़मगीन!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الْمَغْمُومَةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहल मग़मूमह
सलाम हो तुम पर, ऐ जिसकी ज़िन्दगी ग़म में गुज़री!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الصِّدِّيقَةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहस्सिद्दीक़ह
सलाम हो तुम पर, ऐ सिद्दीक़ा—हमेशा सच कहने वाली!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الْمَكْرُوبَةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहल मक्रूबह
सलाम हो तुम पर, ऐ मुसीबतों का बोझ उठाने वाली!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتُهَا الْمَاسُورَةُ
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहल मअसूरह
सलाम हो तुम पर, ऐ इब्तिलाओं में घिरी हुई!

السَّلَامُ عَلَيْكِ أَيَّتَهَا صَاحِبَةُ الْمُصِيبَةِ الْعُظمى
अस्सलामु अलैकि अय्यतूहा साहिबतुल मुसीबतिल उज़्मा
सलाम हो तुम पर, ऐ अज़ीम मुसीबत की साहिबा!

السَّلامُ عَلَيْكَ يَا زَيْنَبُ الْكُبْرِى
अस्सलामु अलैकि या ज़ैनबुल कुबरा
सलाम हो तुम पर, ऐ ज़ैनबुल कुबरा!

وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ
व रहमतुल्लाहि व बरकातुह
और अल्लाह की रहमतें, बरकतें और नेमतें तुम पर हों




अरबी में पढ़ें


اَلسَّلامُ عَلى آدَمَ صِفْوَة اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلى نُوح نَبِيِّ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلى اِبْراهيمَ خَليلِ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلى مُوسى كَليمِ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلى عيسى رُوحِ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـا رَسُولَ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـا خَيْرَ خَلْقِ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَيـا صَفِيَّ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـا مُحَمَّدَ بْنَ عَبْدِاللهِ خـاتَمَ النَّبِيّينَ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يا اَميرَالْمُؤْمِنينَ عَلِيَّ بْنَ اَبي طالِب وَصِيَّ رَسُولِ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِ يا فاطِمَةُ سَيِّدَةَ نِسـاءِ الْعـالَمينَ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكُمـا يـا سِبْطَيْ نَبِيِّ الرَّحْمَةِ،
وَسَيِّدَيْ شَبـابِ اَهْلِ الْجَنَّةِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـاعَلِيَّ بْنَ الْحُسَيْنِ سَيِّدَ الْعـابِدينَ وَقُرَّةَ عَيْنِالنّـاظِرينَ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـا مُحَمَّدَ بْنَ عَلِىّباقِرَ العِلْمِ بَعْدَ النَّبِىِّ،
اَلسَّلامُ عَلَيكَ يـا جَعْفَربْنَ مُحَمَّد الصّـادِقَ الْبارَّ الاَْمينَ، اَلسَّلامُ عَلَيْكَ
يـا مُوسَى بْنَ جَعْفَر الطّـاهِرَ الطُّهْرَ،
اَلسَّلامُعَلَيْكَ يـا عَلِيَّ بْنَ مُوسَى الرِّضَا الْمُرْتَضى،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـا مُحَمَّدَ بْنَ عَلِيّ التَّقِيَّ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـا عَلِيَّ بْنَ مُحَمَّد النَّقِيَّالنّـاصِحَ الاَْمينَ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكَ يـا حَسَنَ بْنعَلِيّ،
اَلسَّلامُ عَلَى الْوَصِيِّ مِنْ بَعْدِهِ،
اَللّهـُمَّصَلِّ عَلى نُورِكَ وَسِراجِكَ وَوَلِيِّ وَليِّكَ،
وَصِيِّ وَصيِّكَ، وَحُجَّتِكَ عَلى خَلْقِكَ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِ يـا بِنْتَ رَسُولِ اللهِ،
اَلسَّلامُعَلَيْكِ يـا بِنْتَ فـاطِمَةَ وَخَديجَةَ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِ يـا بِنْتَ اَميرِ الْمُؤْمِنينَ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِيـا اُخْتَ الْحَسَنِ وَالْحُسَيْنِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِ yـابِنْتَ وَلِيِّ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِ يا اُخْتَ وَلِيِّ اللهِ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِ يـا عَمَّةَ وَلِيِّ اللهِ وَرَحْمَةُ اللهِوَبَرَكـاتُهُ،
اَلسَّلامُ عَلَيْكِ عَرَّفَ اللهُ بَيْنَنـا وَبَيْنَكُمْفِى الْجَنَّةِ، وَحَشَرَنـا فيزُمْرَتِكُمْ،
وَاَوْرَدَنـاحَوْضَ نَبيِّكُمْ،
وَسَقـانـا بِكَاْسِ جَدِّكُمْ مِنْ يَدِعَلِيِّ بْنِ اَبي طـالِب، صَلَواتُ اللهِعَلَيْكُمْ،
اَسْئَلُ اللهَ اَنْ يُرِيَنـا فيكُمُ السُّرُورَ وَالْفَرَجَ،
وَاَنْيَجْمَعَنـا وَاِيّـاكُمْ في زُمْرَةِ جَدِّكُمْ مُحَمَّد صَلَّىاللهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ،
وَاَنْ لا يَسْلُبَنـا مَعْرِفَتَكُمْ، اِنَّهُوَلِيٌّ قَديرٌ،
اَتَقَرَّبُ اِلَى اللهِ بِحُبِّكُمْ، وَالْبَرائَةِ مِنْاَعْدائِكُمْ،
وَالتَّسْليمِ اِلَى اللهِ راضِياً بِهِ غَيْرَ مُنْكِروَلا مُسْتَكْبِر،
وَعَلى يَقينِ مـا اَتى بِهِ مُحَمَّدٌ،
وَبِهِ راض نَطْلُبُ بِذلِكَ وَجْهَكَ يـا سَيِّدي،
اَللّهـُمَّ وَرِضـاكَ وَالدّارَ الآخِرَةَ،
يـا سَيِّدَتي يـازَيْنَبُ،
اِشْفَعي لي فِى الْجَنَّةِ، فَاِنَّ لَكِ عِنْدَ اللهِشَاْناً مِنَ الشَّاْنِ،
اَللّهـُمَّ اِنّي اَسْئَلُكَ اَنْ تَخْتِمَلي بِالسَّعـادَةِ،
فَلا تَسْلُبْ مِنّي مـا اَنَا فيهِ، وَلاحَوْلَ وَلا قُوَّةَ اِلاّ بِاللهِ الْعَلِيِّ الْعَظيمِ، اَللّهـُمَّاسْتَجِبْ لَنـا وَتَقَبَّلْهُ بِكَرَمِكَ وَعِزَّتِكَ،
وَبِرَحْمَتِكَ وَعـافِيَتِكَ،
وَصَلَّى اللهُ عَلى مُحَمَّدوَآلِهِ اَجْمَعينَ،
وَسَلَّمَ تَسْليماً يـا اَرْحَمَ الرّاحِمين


अरबी हिंदी में पढ़ें

स्सलामु अला आदम सिफ़वतुल्लाह,
अस्सलामु अला नूह नबीयिल्लाह,
अस्सलामु अला इब्राहीम खलीलिल्लाह,
अस्सलामु अला मूसा कलीमिल्लाह,
अस्सलामु अला ईसा रूहिल्लाह,
अस्सलामु अलैका या रसूलल्लाह,
अस्सलामु अलैका या ख़ैरा ख़ल्किल्लाह,
अस्सलामु अलैका या सफ़िय्यल्लाह,
अस्सलामु अलैका या मुहम्मद इब्न अब्दिल्लाह ख़ातमन-नबीय्यीन,
अस्सलामु अलैका या अमीरल-मोमिनीन अलीय्य इब्न अबी तालिब वसिय्य रसूलिल्लाह,
अस्सलामु अलैकि या फातिमह सैय्यिदत निसाइ़ल आलमीन,
अस्सलामु अलैकुमा या सिब्तै नबीय्यिर-रह्मह,
व सैय्यिदै शबाबि अहलिल जन्नह,
अस्सलामु अलैका या अलीय्य इब्न अल-हुसैन सैय्यिदल आबिदीन व क़ुर्रत ऐनिन-नाज़िरीन,
अस्सलामु अलैका या मुहम्मद इब्न अली बाक़िरल इल्मि बादन-नबी,
अस्सलामु अलैका या जाफ़र इब्न मुहम्मद अस्सादिक़ अलबार्र अलअमीन, अस्सलामु अलैक
या मूसा इब्न जाफ़र अत्ताहिर अत्तुहर,
अस्सलामु अलैका या अलीय्य इब्न मूसा अर्रिद़ा अलमुर्तज़ा,
अस्सलामु अलैका या मुहम्मद इब्न अली अत्तक़ी,

अस्सलामु अलैका या अलीय्य इब्न मुहम्मद अन्नक़ी अन्नासिह अलअमीन,
अस्सलामु अलैका या हसन इब्न अली,
अस्सलामु अला अलवसिय्यि मिन बादिह,
अल्लाहुम्म सल्लि अला नूरिका व सिराजिक व वलिय्यि वलिय्यिक,
वसिय्यि वसिय्यिक व हुज्जतिक अला ख़ल्किक,
अस्सलामु अलैकि या बिन्त रसूलिल्लाह,
अस्सलामु अलैकि या बिन्त फातिमह व ख़दीजह,
अस्सलामु अलैकि या बिन्त अमीरिल-मोमिनीन,
अस्सलामु अलैकि या उख्तल हसन वल-हुसैन,
अस्सलामु अलैकि या बिन्त वलिय्यिल्लाह,
अस्सलामु अलैकि या उख्त वलिय्यिल्लाह,
अस्सलामु अलैकि या अम्मत वलिय्यिल्लाह व रहमतुल्लाहि व बरकातुह,
अस्सलामु अलैकि अर्रफ़ल्लाहु बैनना व बैनकुम फ़िल जन्नह व हशरना फ़ी ज़ुमरतकुम,
व अउरदना हौज़ नबीय्यिकुम,
व सक़ाना बि-कासि जद्दिकुम मिन यद अलीय्य इब्न अबी तालिब सलवातुल्लाहि अलैकुम,
अस्अलुल्लाह अं युरियना फ़ीकुमुस्सुरूर वल-फ़रज,

व अं यज्मअना व इय्याकुम फ़ी ज़ुमरति जद्दिकुम मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलिह,
व अं ला यस्लुबना मआरिफ़तकुम इन्नहू वलिय्युन क़दीर,
अतक़र्रबु इलल्लाहि बि-हुब्बिकुम वल-बराआति मिन अअदाइकुम,
वत्तस्लीमि इलल्लाहि रादियं बिहि ग़ैरा मुनकिरिं वला मुस्तक्बिर,
व अला यक़ीनि मा अता बिहि मुहम्मद,
व बिहि रादिन नत्लुबु बि-ज़ालिका वज्हक या सैय्यिदी,
अल्लाहुम्म व रिद़ाक वद्दारल आख़िरह,
या सैय्यिदती या ज़ैनब,
इश्फ़ई ली फ़िल जन्नह फ़-इन्न लकी इंदल्लाहि शा’नन मिनश्शा’न,
अल्लाहुम्म इन्नी अस्अलुक अं तख़्तिम ली बिस्सआदह,
फ़ला तस्लुब मिन्नी मा अना फीह वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलीय्यिल अज़ीम, अल्लाहुम्म इस्तजिब लना व तक़ब्बलहु बि-करमिक व इज़्ज़तिक,
व बिरह्मतिक व आफ़ियतक,
व सल्लल्लाहु अला मुहम्मद व आलिहि अज्मईन,
व सल्लम तस्लीमन या अरहमर-राहिमीन

अनुवाद/मानी पढ़ें

आदम, अल्लाह के चुने हुए पर सलाम,
नूह, अल्लाह के नबी पर सलाम,
इब्राहीम, अल्लाह के ख़लील पर सलाम,
मूसा, अल्लाह के कलीम पर सलाम,
ईसा, अल्लाह की रूह पर सलाम,
आप पर सलाम, ऐ रसूलुल्लाह,
आप पर सलाम, ऐ अल्लाह की मख़लूक़ में सबसे बेहतरीन,
आप पर सलाम, ऐ अल्लाह के सफ़ी,
आप पर सलाम, ऐ मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह—ख़ातिमुन-नबीय्यीन,
आप पर सलाम, ऐ अमीरुल-मोमिनीन अली बिन अबी तालिब—रसूलुल्लाह के वसी,
आप पर सलाम, ऐ फातिमा—तमाम आलम की औरतों की सैय्यिदा,
आप दोनों पर सलाम, ऐ नबी-ए-रहमत के दोनों नवासे,
और ऐ जन्नत के जवानों के दोनों सरदार,
आप पर सलाम, ऐ अली बिन अल-हुसैन—सैय्यिदुल आबिदीन और देखने वालों की आंखों की ठंडक,
आप पर सलाम, ऐ मुहम्मद बिन अली—नबी के बाद इल्म के बाक़िर,
आप पर सलाम, ऐ जाफ़र बिन मुहम्मद—सादिक़, नेक, अमीन; आप पर सलाम,
ऐ मूसा बिन जाफ़र—पाक और बहुत पाकीज़ा,
आप पर सलाम, ऐ अली बिन मूसा—रिद़ा, मुर्तज़ा,
आप पर सलाम, ऐ मुहम्मद बिन अली—तक़ी,

आप पर सलाम, ऐ अली बिन मुहम्मद—नक़ी, नासिह, अमीन,
आप पर सलाम, ऐ हसन बिन अली,
और उनके बाद आने वाले वसी पर सलाम,
ऐ अल्लाह! अपने नूर, अपने चिराग़ और अपने वली के वली पर दुरूद भेज,
और अपने वसी के वसी पर, और अपनी मख़लूक़ पर अपनी हुज्जत पर,
आप पर सलाम, ऐ बिन्त-ए-रसूलुल्लाह,
आप पर सलाम, ऐ फातिमा और ख़दीजा की बेटी,
आप पर सलाम, ऐ अमीरुल-मोमिनीन की बेटी,
आप पर सलाम, ऐ हसन और हुसैन की बहन,
आप पर सलाम, ऐ अल्लाह के वली की बेटी,
आप पर सलाम, ऐ अल्लाह के वली की बहन,
आप पर सलाम, ऐ अल्लाह के वली की फूफी—और अल्लाह की रहमत व बरकतें आप पर हों,
आप पर सलाम; अल्लाह हमारे और आपके दरमियान जन्नत में पहचान क़ायम करे, और हमें आपके समूह में उठाए,
और हमें आपके नबी के हौज़ पर ले जाए,
और हमें आपके दादा के प्याले से, अली बिन अबी तालिब के हाथ से पिलाए—अल्लाह की सलवातें आप सब पर हों,
मैं अल्लाह से मांगता हूँ कि वह आपके ज़रिए हमें खुशी और फ़रज (गुशाइश) दिखाए,

और हमें और आपको आपके दादा मुहम्मद (स) की जमाअत में जमा करे,
और हमसे आपकी मारिफ़त न छीने; बेशक वह वली और क़ादिर है,
मैं अल्लाह की क़ुर्बत आपके मुहब्बत के ज़रिए और आपके दुश्मनों से बराअत के ज़रिए चाहता हूँ,
और अल्लाह के हुक्म के सामने सर-ए-तस्लीम ख़म करता हूँ—उससे राज़ी होकर, न इन्कार करने वाला न घमंड करने वाला,
और उस बात पर यक़ीन रखते हुए जो मुहम्मद (स) लाए,
और इसी पर राज़ी होकर, मैं इसी से (तेरी) रज़ा चाहता हूँ, ऐ मेरे मौला,
ऐ अल्लाह! और (हमारे लिए) तेरी रज़ा और आख़िरत का घर,
ऐ मेरी सैय्यिदा, ऐ ज़ैनब,
जन्नत में मेरे लिए शफ़ाअत फरमाइए; बेशक अल्लाह के यहां आपका बड़ा मक़ाम है,
ऐ अल्लाह! मैं तुझसे मांगता हूँ कि तू मेरा ख़ातिमा सआदत पर कर,
फिर मुझसे वह (नेमत) न छीन जो मैं उसमें हूँ; और न कोई ताक़त है न क़ुव्वत, मगर अल्लाह ही से जो बुलंद व अज़ीम है; ऐ अल्लाह! हमारी दुआ क़ुबूल कर और अपने करम व इज़्ज़त से इसे स्वीकार फरमा,
और अपनी रहमत व आफ़ियत से,
और अल्लाह दुरूद भेजे मुहम्मद और उनकी आल पर, सब पर,
और सलाम भेजे, ऐ सबसे बढ़कर रहम करने वाला

इस ज़्यारत की तस्वीर

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